रत्न चिकित्सा और ग्रहों से सम्बन्धित रोग (Gem Therapy and Diseases Related to Planets)
प्राचीन काल से रोगों के उपचार हेतु रत्नों का प्रयोग विभिन्न रूपों में किया जाता रहा है.रत्नों में चुम्बकीय शक्ति होती है जिससे वह ग्रहों की रश्मियों एवं उर्जा को अवशोषित कर लेती है (Gems have therapeutic value due to their innate power).
राशि रत्न खरीदें परखकर (Check Gemstone before Purchase)
ज्योतिषशास्त्र नवग्रहों की चाल का आंकल करके भविष्य होने वाली घटनाओं का लेखा जोखा देता है.अगर कोई ग्रह निकट भविष्य में पीड़ित या अशुभ स्थिति में होकर हमें पीड़ा देने की कोशिश करता है तो हम उससे बचने हेतु उपाय चाहते हैं.राशि रत्न इन उपायों में कारगर होता है अगर वह शुद्ध और असली हो, अत: रत्न खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए....
रत्नो द्वारा रोग का उपचार भाग-2 (Treating illnesses with Gemstones Part 2)
भौतिक जगत में रोग का कारण कुछ भी हो लेकिन ज्योतिषीय मत के अनुसार रोग का कारण हमारी कुण्डली में स्थित ग्रह हैं। ग्रहों की स्थिति के अनुसार ही हम समय समय पर रोग से पीड़ित होते हैं। ज्योतिषशास्त्र के अनुसार रत्नों में रोगों को दूर करने की शक्ति है। आइये देखें किस रोग में कौन सा रत्न पहनना चाहिए।.
रत्नों द्वारा रोग का उपचार भाग एक (Gemstone Therapy part 1)
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार हमारे शरीर का सभी अंगों पर अलग अलग ग्रहों का प्रभाव होता है.जब ग्रह कमज़ोर अथवा पीड़ित होते हैं तो सम्बन्धित अंग पर विपरीत प्रभाव डालते हैं परिणाम स्वरूप हम बीमार होते हैं.रोगों को दूर भगाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के रत्नों का भी काफी महत्व है
भाग्य और रत्न (Destiny and Gemstones)
रत्नों में चमत्कारी शक्ति है जो ग्रहों के विपरीत प्रभाव को कम करके ग्रह के बल को बढ़ते है. आइये जानें कि भाग्य को बलवान बनाने के लिए रत्न किस प्रकार धारण करना चाहिए. ...
क्या होता है राशि रत्न (What are Moonsign Gems)
जीवन में आ रही परेशानियों का हल निकालने के लिए हम ज्योतिषशास्त्रियों की सलाह से रत्न धारण करते हैं. रत्नों के बाजार में इन दिनों नकली रत्नों को भी असली बताकर बेचा जा रहे है. ...
नवग्रह रत्न लहसुनियां और लाजवर्त (Gemstone Cat's Eye and Lapis Luzuli)al)
रत्न खूबसूरत पत्थर होते हैं जिनमें काफी घनत्व होता है.ये विभिन्न रंगों में पाये जाते हैं.अपने गुणों एवं चमत्कारी प्रभाव के कारण ये रत्न कहलाते हैं.नवग्रहों से सम्बन्धित होने के कारण इन्हें नवरत्न कहा जाता है.इनकी संख्या काफी है परंतु भारतीय ज्योतिष में 84 रत्नो को ही मान्यता प्राप्त है..... ...
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